2019 में लिख दी गई थी सोनाली फोगाट के अंजाम की पटकथा
सोनाली फोगाट के खात्मे में पीए सुधीर सांगवान का सबसे बड़ा हाथ
बेहद शातिर तरीके से सुधीर सांगवान ने सोनाली फोगाट के ए टू जेड सिस्टम पर कब्जा किया
कुलदीप श्योराण
हिसार। 2019 के विधानसभा चुनाव में आदमपुर विधानसभा क्षेत्र के चुनाव कवरेज के दौरान 2 दिन सोनाली फोगाट के जनसंपर्क अभियान में शामिल होने का अवसर मिला।
उस समय सोनाली फोगाट के आसपास की मंडली को देखकर ही यह एहसास हो गया था कि वह “गलत” हाथों में खेल रही है क्योंकि सोनाली फोगाट के चारों तरफ सियासी लोगों के बजाय क्रिमिनल टाइप के लोगों का जमावड़ा दिख रहा था।
उस समय सोनाली फोगाट के साथ जुड़े करीबी साथियों से जब चर्चा की गई तो यह साफ हो गया कि सुधीर सांगवान और सुखविंदर की जोड़ी ने मिलकर कुछ ही समय में सोनाली फोगाट को “हाईजैक” कर लिया है।
सुधीर सांगवान ने बेहद शातिर तरीके के साथ पहले दिन से ही सोनाली फोगाट को अपनी “गिरफ्त” में ले लिया।
महंगी बीएमडब्ल्यू गाड़ी के तोहफे के साथ सोनाली फोगाट की जिंदगी में जोरदार “एंट्री” मारकर सुधीर सांगवान ने सोनाली फोगाट को उस पर “अंधविश्वास” करने का प्लेटफार्म दे दिया।
सोनाली फोगाट के भाई ने आज गोवा पुलिस को जो चिट्ठी लिखी है उससे भी यह साफ जाहिर हो गया है कि सुधीर सांगवान ने बेहद “शातिराना” साजिश से सोनाली फोगाट को “ब्लैकमेल” करने का काम किया।
सुधीर सांगवान और सुखविंदर को नजदीक से जानने वाले लोग भी यह मानते हैं कि वह दोनों ही हाई प्रोफाइल गेम खेलने वाले “मास्टरमाइंड” लोग हैं।
सुधीर सांगवान को टिक टॉक स्टार के तौर पर फेमस हो चुकी सोनाली फोगाट के जरिए हरियाणा के सत्ता के गलियारों में सीधी “पहुंच” बनाने का बेहद आसान तरीका रास्ता नजर आया।
सोनाली फोगाट यह समझ ही नहीं पाई कि महंगी गाड़ी के साथ उसकी जिंदगी में “दस्तक” देने वाला सुधीर सांगवान ही उसे मौत के “अंजाम” तक पहुंचाने का काम करेगा।
सुधीर सांगवान ने जिस तरह से सोनाली फोगाट की जिंदगी से जुड़े हुए हर शख्स को उससे अलग करने का काम किया उससे यह जाहिर हो जाता है कि उसने एक सोची-समझी “प्लानिंग” के तहत सोनाली फोगाट को अपनी “गिरफ्त” में लेकर उससे मजबूरीवश कई नाकाबिले बर्दाश्त काम भी करवाए होंगे।
सोनाली फोगाट के घर और फार्म हाउस से जुड़े पुराने स्टाफ को हटवाने के अलावा उसके करीबी दोस्तों को भी अलग करवाकर सुधीर सांगवान ने पहले उसे अपने शिकंजे में लिया और फिर सोनाली फोगाट को एक “कठपुतली” के तौर पर इस्तेमाल किया।
सोनाली फोगाट के भाई का पुलिस को लिखा पत्र भी यह सच्चाई बयान कर रहा है कि सुधीर सांगवान ने एक सोची-समझे षडयंत्र के तहत सोनाली फोगाट को गोवा में ले जाकर उसे मौत का “शिकार” बनाया।
सुधीर सांगवान की भूमिका इस मामले में सबसे ज्यादा संदेहास्पद है क्योंकि जिस तरह से उसने सोनाली फोगाट को “इस्तेमाल” करने का काम किया वह किसी बड़े “खेल” का हिस्सा नजर आता है।
सुधीर सांगवान के कहने से ही शायद सोनाली फोगाट ने मजबूरी में सीमाएं “लांघने” का काम किया जिसके कारण सियासी सिस्टम के मगरमच्छों ने उसे अपने लिए “खतरा” मानते हुए सदा के लिए उसकी आवाज को “खामोश” करने का काम किया।
सोनाली फोगाट के कारण हरियाणा के एक दर्जन बड़े सियासी चेहरों के अलावा कई टॉप लेवल के अफसरों को भी भारी “परेशानी” हो रही थी। सोनाली फोगाट की जिंदगी का खात्मा होते हैं इन सभी की जिंदगी का “कांटा” निकल गया है और वो “राहत” की सांस ले रहे हैं।
इस सारे गेम प्लान में मास्टरमाइंड सिर्फ सुधीर सांगवान को कहा जा रहा है लेकिन यहां यह बात साफ करना जरूरी है कि सुधीर सांगवान “बड़े” मगरमच्छों का “प्यादा” तो हो सकता है मास्टरमाइंड नहीं।
सबसे बड़ा सवाल यही है कि मौत के 1 घंटे पहले सोनाली फोगाट पूरी रात गुजारने के बाद कहां से आई थी?
क्या वह हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा के बिग डैडी केसिनो से आई थी…?
क्या वह किसी और बड़ी सेटिंग की पार्टी से वापस आई थी?
बाहर से वापस आते ही सोनाली फोगाट की तबीयत एकदम ऐसी कैसे बिगड़ी कि उसकी जान चली गई?
जाहिर सी बात है जहां भी सोनाली फोगाट गई थी उसका इंतजाम सुधीर सांगवान ने किया था।
सोनाली फोगाट के साथ जीते जी अंतिम बात करने वाला शख्स सुधीर सांगवान ही था।
सोनाली फोगाट को गोवा ले जाने की प्लानिंग करने वाला, सोनाली फोगाट की अज्ञात लोगों से मुलाकात कराने वाला और सोनाली फोगाट को मरने के बाद हॉस्पिटल ले जाने वाला शख्स सिर्फ एक ही था और वह सुधीर सांगवान था।
ऐसे में शक की सुई उसकी तरफ घूमना लाजमी है।
अब देखना यही है कि क्या सोनाली फोगाट की सवालिया मौत की जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी या बड़े के प्रैशर से मामले को दबा दिया जाएगा….
इस सारे मामले के राज से एक ही शख्स पर्दा उठा सकता है और वह सोनाली फोगाट का पीए सुधीर सांगवान है।
… लेकिन यह भी सच्चाई है कि सुधीर सांगवान वही कहेगा जो उससे “कहलाया” जाएगा।
यानि मामले की हकीकत से पर्दा हटाने के कोई आसार नहीं हैं