अकादमिक कार्यक्रमों की प्रासंगिकता एवं उत्कृष्टता का पैमाना है एनएएसी (नैक): कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक
Lalit Kumar March 27, 2021
PMG NEWS SIRSA
गुणात्मक शिक्षा की ओर अग्रसर होने का प्रेरक है एनएएसी (नैक): प्राचार्य प्रो. राम कुमार जांगड़ा
Lalit kumar
विकास के सिद्धांत को निवेश से प्राप्त उत्पाद की मात्रा एवं उसके गुण की कसौटी के आधार पर ही परिभाषित किया जा सकता है। नई शिक्षा नीति जहां शिक्षा में गुणात्मक सिद्धांत की पक्षधर है वहीं यह उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में लोगों की अधिक से अधिक सहभागिता सुनिश्चित बनाए जाने पर भी बल देती है। शिक्षकों को शिक्षा के इसी लक्ष्य एवं आयाम के प्रति प्रोत्साहित करने हेतु नैक का गठन किया गया है।
यह विचार चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलपति प्रो. (डा.) अजमेर सिंह मलिक ने राजकीय महिला महाविद्यालय, सिरसा में ‘एनएएसी (नैक) द्वारा गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों का मूल्यांकन एवं प्रत्यायन’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्यातिथि के तौर पर अपने संबोधन में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कोई भी शिक्षक किसी दूसरे से कमतर नहीं होता बल्कि आवश्यकता यह है कि वह अपनी ज़िम्मेवारी का निष्ठापूर्वक निर्वहन करते हुए अपनी शतप्रतिशत अदायगी को सुनिश्चित बनाने के लिए प्रयासरत रहे क्योंकि विद्यार्थी एवं समाज शिक्षक से यही अपेक्षा रखता है
जिस पर शिक्षक को खरा उतरना ही चाहिए। प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने इस आयोजन में शामिल होकर अपनी बात रखने के लिए आयोजकों के प्रति धन्यवाद व्यक्त करते हुए इस कार्यशाला की सफ़लता के लिए मंलकामनाएँ प्रदान कीं और चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के बहुआयामी एवं चहुंमुखी विकास हेतु उपस्थिजन से सहयोग हेतु विश्वास व्यक्त किया।
यह जानकारी देते हुए महाविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डा. हरविंदर सिंह ने बताया कि उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्राचार्य राम कुमार जांगड़ा, महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक के पूर्व कुलपति प्रो. (डा.) बिजेन्द्र कुमार पूनिया, राजकीय महिला महाविद्यालय, सिरसा के स्टाफ़ सचिव डा. के के डूडी व कार्यशाला संयोजक डा. दलजीत सिंह पर आधारित अध्यक्षमंडल ने की। कार्यशाला का आगाज़ मुख्यातिथि प्रो. अजमेर सिंह मलिक व अध्यक्षमंडल द्वारा ज्योत प्रज्ज्वलन करने उपरांत संगीत विभागाध्यक्ष प्रो. यादविंदर सिंह व तबलावादक मनोहर लाल के दिशानिर्देशन में संगीत विभाग की छात्राओं कशिश खट्टर, साक्षी मोंगा, पूजा, मनीषा, ख़ुशबू व सीना द्वारा सरस्वती वंदन व स्वागत गीत की प्रस्तुति से हुआ।
डा. के के डूडी ने मुख्यातिथि प्रो. अजमेर सिंह मलिक का परिचय प्रदान करते हुए मुख्यातिथि, अन्य अतिथिगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, अन्य संस्थानों से आए प्रतिनिधियों व उपस्थितजन का महाविद्यालय परिवार की ओर से स्वागत किया। कार्यशाला संयोजक डा. दलजीत सिंह ने इस दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्देश्य, लक्ष्य व रूपरेखा से अवगत करवाते हुए कहा कि विकास एवं सीखना एक जीवनपर्यन्त चलने वाली निरंतर प्रक्रिया है।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य प्रो. राम कुमार जांगड़ा ने मुख्यातिथि प्रो. अजमेर सिंह मलिक के महाविद्यालय में प्रथम प्रवेश पर हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करते हुए अन्य उपस्थितजन के प्रति भी विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक स्तर को बढ़ावा देना ही नैक का मुख्य प्रयोजन है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ एवं समृद्ध समाज के सृजन हेतु नागरिकों को गुणात्मक शिक्षा से लैस करना सबसे बड़ी अनिवार्यता है।
कार्यशाला में राजकीय नैशनल महाविद्यालय, सिरसा के प्राचार्य डा. संदीप गोयल, मनोहर मैमोरियल महाविद्यालय, फतेहाबाद के प्राचार्य डा. गुरचरण दास, राजकीय महाविद्यालय, सिवानी के प्राचार्य डा. राज कुमार ख्यालिया, श्री गुरु हरी सिंह महाविद्यालय, श्री जीवन नगर के प्राचार्य डा. हरजवन्त सिंह, शाह सतनाम जी महाविद्यालय, डेरा सच्चा सौदा के प्राचार्य डा. दिलावर सिंह, माता हरकी देवी महिला महाविद्यालय, ओढ़ां की प्राचार्या डा. अभिलाषा, राजकीय कन्या महाविद्यालय, कालांवाली के प्रो. राम लाल, सीआरडीएवी महाविद्यालय, ऐलनाबाद के डा. कृष्ण कान्त के अलावा सौ के क़रीब प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवाई। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डा. हरविंदर सिंह ने किया। इसके उपरांत आयोजित दो तकनीकों सत्रों में प्रो. बिजेन्द्र कुमार पूनिया ने नैक से संबंधित विभिन्न जानकारियां प्रदान कीं।