कोरोना संक्रमण रोकने में एन95 मास्क नाकाम, स्वास्थ्य कर्मवीर कर रहे सिलिकॉन मास्क की मांग
Jagat Pardesi October 02, 2020
PMG News Hisar
सबसे अधिक विश्वसनीय माना जाने वाला एन95 मास्क भी उतना कारगर नहीं है, जितना माना जा रहा था। इसका कारण यह है कि स्वास्थ्य कर्मवीर एन95 मास्क का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इसके बावजूद कई स्वास्थ्य कर्मवीर कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। अब इसके एवज में उन्होंने सिलिकॉन मास्क की मांग करनी शुरू कर दी है। सिलिकॉन मास्क मार्केट में बहुत कम है, क्योंकि यह अधिक महंगा होता है। फिलहाल जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य कर्मवीरों को केवल एन95 मास्क ही दिए जा रहे हैं।
सिलिकॉन मास्क भी एन95 मस्क की तरह ही होता है, लेकिन इसकी ऊपरी परत सिलिकॉन की बनी होती है। इस कारण से सिलिकॉन मास्क सैनिटाइज करने के साथ-साथ आसानी से धोया जा सकता है और एक से अधिक बार इस्तेमाल भी किया जा सकता है। असली सिलिकॉन मास्क एक हजार से लेकर 1200 रुपये तक का आता है। इसके विपरित एन95 मास्क 250 से 350 रुपये तक का मिलता है। विशेषज्ञों के अनुसार सिलिकॉन मास्क रिसर्च सेंटर, कोविड-19 लैब और फील्ड में संक्रमण से बचाव के लिए कारगर है।
मास्क की गुणवत्ता को लेकर शोध जारी मुंबई, चेन्नई और बेंगलूर जैसे बड़े शहरों में यह सिलिकॉन मास्क आसानी से मिल जाते हैं, क्योंकि वहां पर ज्यादातर लैब और शोध केंद्र होने की वजह से इन मास्क की खपत अधिक है। विशेषज्ञों की मानें तो मास्क की गुणवत्ता को बेहतर करने लेकर देश में शोध जारी है।
कई चिकित्सकों मांग आई है
हमारे पास कई चिकित्सकों की तरफ से सिलिकॉन मास्क की मांग आई है। यह मास्क का अभी तक मार्केट में नहीं आया है। मैंने उनको एक बार इस मास्क की कॉपी भेजने को कहा है ताकि ऑर्डर देकर मंगवाया जा सके। हमारे यहां से ग्लव्स, मास्क संबंधित अन्य सामान सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में जाता रहता है, क्योंकि इनकी मांग अधिक रहती है।
अमित लीखा, होलसेल दवा स्टोर संचालक, राजगुरु मार्केट, हिसार।
सरकार की तरफ से जो सुविधा दी जा रही है, वही स्वास्थ्य स्टाफ को दी जा रही है। सिलिकॉन मास्क की सुविधा अभी तक हमारे पास नहीं है। यदि विभाग की तरफ से आती है तो अवश्य उपलब्ध करवाई जाएगी।