PMG NEWS SIRSA
गुरुकाशी विश्वविद्यालय बठिंडा, पंजाब द्वारा आयोजित पांच दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय इ-सिम्पोजियम के प्रतिभगियों को सम्बोधित करते हुए चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलपति प्रोफेसर राजबीर सोलंकी ने कोविड-19 के बाद के परिस्थीतीयों के कारण शिक्षा क्षेत्र को पूरी तरह री-इन्वेंट करने की आवश्यकता बताई। इस दौरान शिक्षा सेक्टर का सम्पूर्ण ट्रांसफॉर्मेशन हुआ हैं। अतः शिक्षा में जो अभी तक कम आवश्यक एवं असाधारण लगता था वह अब अति-आवश्यक एवं नया नार्मल हो गया हैं। सिम्पोजियम में कुलपति ने बी एम एल मुंजाल यूनिवर्सिटी गुरुग्राम की डॉ. ऋतू छिकारा और श्री श्री यूनिवर्सिटी उड़ीसा के प्रो. कमला दास के एक ओपिनियन आर्टिकल का सन्दर्भ देते COVID के पांच शब्दों Collaboration (सहयोग), Optimization (अनुकूलन), Value addition (मूल्यवर्धन), Integration (एकीकरण) और Digitalization (डिजिटलीकरण) को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
इ-सिम्पोजियम का आयोजन गुरुकाशी विश्वविद्यालय बठिंडा, पंजाब द्वारा पढने और पढ़ाने के डिजिटल माध्यमों के वैश्विक दृष्टिकोण पर किया गया था। सिम्पोजियम में कन्जानिया ओपन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. इ. टोज़ोबिसांडा, कनाडा के प्रो. नील बोउचेर, USA डेटोन विश्वविद्यालय के प्रो. टेनिग्को, इंग्लैंड IEC के प्रो. नादेर वोलेसनाणी और नीदरलैंड की मिस एरिना मोरिन आदि अन्य वक्ताओ ने भी अपने विचार व्यक्त किये।25 से 29 मई 2020 तक चलने वाले पांच दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय इ-सिम्पोजियम में बत्तौर मुख्य वक्ता बोलते हुए डॉ. सोलंकी ने भारत की ऑनलाइन टीचिंग की प्रभावशीलता केवल 50% बताई। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि अभी तक हमारे उच्च शिक्षा विद्यार्थियों के बड़े ग्रुप को (71.4%) UGC में मूक, स्वयंप्रभा, विद्वान् और शोध गंगा आदि ऑनलाइन पोर्टल की जानकारी भी नही हैं। यह सही समय हैं जब हम टीचिंग, परीक्षा एवं मूल्यांकन तथा शैक्षिक प्रशासन को Digitization के अगले स्तर पर ले जा सकते हैं। इसके लिए संस्थाओ को आगे आना चाहिये।सोलंकी ने कहा कि हमें डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ –साथ शिक्षको और विद्यार्थियों की डिजिटल स्किल बढ़ाने पर भी काम करना होगा।