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Jatin Punia
छात्र संख्या कम होने के कारण व सुधार के उपाय सहित टिप्पणी लिखनी होगी
रेवाड़ी: शिक्षा विभाग की ओर से एक बार फिर से प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में 25 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की फिजिकल रिपोर्ट मांगी गई है। पिछले दिनों विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने वीसी में यह निर्देश दिए थे। अब उन आदेशों की अनुपालना में ही जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी की ओर से सभी बीईओ व बीईईओ को पत्र भेजकर अपने खंड में चल रहे 25 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों की फिजिकल रिपोर्ट मांगी है। निर्देशों में ये भी है कि ऐसे स्कूलों में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर विद्यालय मुखिया एवं एसएमसी के सदस्यों को शामिल करते हुए छात्र संख्या कम होने के कारण एवं सुधार के उपाय तलाशते हुए स्पष्ट टिप्पणी रिपोर्ट भी जिला मुख्यालय में भेजनी होगी। डीईईओ कार्यालय की ओर से जारी किए गए निर्देशों में कहा है कि यह रिपोर्ट 27 मई को दोपहर से पहले हार्ड कोपी सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर सहित जमा करानी जरूरी है। कमेटी गठित की गई है। रेवाड़ी के बीईओ पृथ्वीसिंह बोले निर्देश मिल गए हैं, उनकी अनुपालना में स्कूलों की सूची तैयार कर उनकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। खंड में 34 के आसपास ऐसे स्कूल हैं। हालांकि इनमें कुछ ऐसे भी हैं, जिनमें एक-दो बच्चे ही कम हैं। उनके मुखियाओं ने नामांकन बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू किए हुए हैं।सभी तरह की लेटेस्ट विविध एवं शैक्षणिक खबरों के लिए “हरियाणा एजुकेशनल अपडेट” फेसबुक पेज ज्वाइन करें।
ये की गई कमेटी गठित
प्रथम कमेटी में (खंड के आधे क्लस्टर जो द्वितीय कमेटी के पास नहीं है)के अलावा खंड शिक्षा अधिकारी को अध्यक्ष, क्लस्टर मुखिया व विद्यालय का डीडीओ सदस्य बनाए गए हैं। इसके अलावा द्वितीय कमेटी में खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी को अध्यक्ष, क्लस्टर मुखिया व विद्यालय के डीडीओ को बतौर सदस्य शामिल किया गया है। दोनों कमेटियों को कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्ययोजना बनाकर विद्यालय वितरण की सूचना भी जिला मुख्यालय को देनी होगी।
27 को मीटिंग में रखे जाएंगे कई ऐजेंडे
निर्देशों में यह भी कहा कि 27 मई को मीटिंग भी होगी। जिसमें 25 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों की सूचना पर चर्चा, मिड-डे मील का वितरण, प्राइवेट विद्यालयों की फीस के संदर्भ में अंडर-टेकिंग, पदोन्नति केस पेंडिंग न होने के बारे में प्रमाण पत्र, ई-लर्निंग कार्यक्रम की समीक्षा, सरप्लस गेस्ट अध्यापक एवं प्राध्यापक, वेतन से संबंधित मामले, एचआरएमएस व एमआईएस अपडेट का प्रमाण पत्र व कोर्ट केस सहित अन्य मामलों पर चर्चा की जाएगी।
रिपोर्ट में यह जरूरी कितने अध्यापक कार्यरत, 25 से कम या(0 से 24) छात्र संख्या होने के कारण, किस वजह से संख्या कम हुई, 25 से अधिक संख्या हो सके, इसके लिए कोई उपाय, यानी किस तरह छात्र संख्या बढ़ सकती है, इन दोनों में अध्यापक की भूमिका क्या रहेगी।