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Satbir Chauhan
अग्रोहा मेडिकल में दाखिल किए गए जींद के पेगां गांव निवासी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की अग्रोहा मेडिकल में बुधवार रात 8.32 बजे मौत हो गई। इस व्यक्ति की मौत से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मामले की सूचना देर रात सीएमओ दी गई। सीएमओ ने अग्रोहा मेडिकल के डायरेक्टर को शव उनके हवाले करने को कहा है। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत के बाद उनके शव का अंतिम संस्कार डॉक्टरों द्वारा शव को कवर करके और पीपीई किट डालकर करवाया जाएगा।
गौरतलब है कि जींद के पेगां गांव निवासी 50 वर्षीय व्यक्ति हिसार के ही निजी अस्पताल में उपचाराधीन था। इस व्यक्ति का सैंपल राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान की लैब में ही भिजवाया गया था। मंगलवार सुबह राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान की लैब से रिपोर्ट जारी हुई तो यह व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया। यह सूचना पाकर वह जिस अस्पताल में दाखिल था। वहां के डॉक्टरों के भी हाथ-पांव फूल गए, क्योंकि इस व्यक्ति का इलाज कैंसर का मरीज समझकर किया जा रहा था।
जींद निवासी व्यक्ति ठाणे से लौटा था
अग्रोहा मेडिकल में उपचार के दौरान दम तोडऩे वाले जींद के पेगां गांव निवासी व्यक्ति महाराष्ट्र के ठाणे से लौटा था। वहां निजी कंपनी में मैनेजर का काम करता था। इस व्यक्ति को फेफड़ों की केंसर थी और तबियत बिगडऩे पर उसकी बेटी 10 मई को उसे ठाणे से जींद लेकर आई थी। पहले उसे जींद के नागरिक अस्पताल में ले जाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने उसके गंभीर हालात को देखते हुए पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। इस व्यक्ति ने पीजीआई रोहतक जाने से मना कर दिया और उसके बाद वह अपनी ससुराल गांव ढाकल चला गया। जहां पर एक दिन रहने के बाद परिवार के लोगों ने उसे हिसार के एक निजी अस्पताल में दाखिल किया। यहां व्यक्ति का सैंपल जांच के लिए भेजा गया। लेकिन रिपोर्ट आने से पहले ही परिजनों ने उसे शहर की एक अन्य निजी अस्पताल में दाखिल कर दिया।
निजी अस्पताल की बड़ी लापरवाही आई सामने
यहां बड़ी लापरवाही यह सामने आई कि शहर के जिस निजी अस्पताल में यह व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट आने से पहले ही डिस्चार्ज कर दिया गया। जिसके कारण दूसरे अस्पताल में मरीज का इलाज सिर्फ कैंसर पीडि़त समझकर किया गया। ऐसे में जींद निवासी व्यक्ति के संपर्क में निजी अस्पताल के 46 लोग आए है। जिनमें 7 डॉक्टर जो रेडियोलॉजिस्ट, एनेस्थेसिया स्पेशलिस्ट, न्यूरोसर्जन, ओंकोलॉजिस्ट, एमओ है वहीं लैब टेक्नीशियन, सीटी स्कैन टेक्नीशियन, सुपरवाइजर, गार्ड, स्वीपर तथा 14 मरीज भी शामिल है। ठाणे से वापस लौटते ही कोरोना पॉजिटिव मैनेजर तीन अस्पतालों के स्टाफ के संपर्क में आया है। सबसे पहले वह नागरिक अस्पताल जींद पहुंचा। इसलिए यहां का स्टाफ भी उनके संपर्क में आया है। इसलिए उस स्टाफ का पता किया जा रहा है। इसके बाद वह उसे हिसार के दो निजी अस्पताल में दाखिल किया गया है।