PMG News Fathabad
कोरोना वायरस के चलते शिक्षा विभाग प्राइमरी व अपर प्राइमरी के सभी बच्चों को मिड-डे मील का राशन उनके घर पर पहुंचा रहा है। लॉकडाउन के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विभाग ने शिक्षकों से घर-घर राशन बंटवाया तथा कुकिंग कोस्ट बच्चों के खाते में भेजने के दावे किए थे। लेकिन ना सिर्फ लॉकडाउन के दिनों की बल्कि इससे पहले भी जनवरी, फरवरी व मार्च महीने की कुकिंग कोस्ट अब तक जिला शिक्षा विभाग को जारी नहीं हुई है। इसके अलावा बच्चों के लिए स्कूलों में खाना बनाने व पैकिंग करने वाले कुकों को भी अप्रैल और मई महीने की सैलरी अब तक नहीं मिली है। कुकिंग कोस्ट व सैलरी तथा एफसीआई से लिए गए सूखे राशन के कुल 5 करोड़ 52 लाख के बिल वित्त विभाग में अटके हुए हैं। जिसके चलते अब तक ना ही तो बच्चों को लॉकडाउन के दौरान की कुकिंग कोस्ट उनके खाते में जारी हो पा रही है तथा ना ही लॉकडाउन से पहले की कुकिंग कोस्ट संबंधित स्कूल को जारी हुई है।
प्राइमरी में सवा 39 तो अपर प्राइमरी में 26 हजार बच्चे
जिले में प्राइमरी व अपर प्राइमरी कैडर में 65 हजार बच्चे पढ़ाई करते हैं जिन्हें मिड-डे मील दिया जाता है। प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की संख्या 39 हजार 225 तथा अपर प्राइमरी यानि छठी कक्षा से आठवीं कक्षा तक के बच्चों की संख्या 25 हजार 956 है।
जून का भी मिलेगा राशन
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण के दौरान किए गए लॉकडाउन के दौरान सरकारों को बच्चों को मिड-डे मील उनके घरों तक पहुंचाने के आदेश दिए थे। इसके बाद से अप्रैल में मई का राशन अध्यापकों ने बच्चों के घर तक पहुंचाया था। इसके बाद अब जून महीने का राशन भी बच्चों के घर पर पहुंचाने के लिए शिक्षा विभाग ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिए हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उल्लंघना कर रही सरकार
^सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उल्लंघना कर रही है। बच्चोंं की कुकिंग कोस्ट जारी नहीं हो रही है अध्यापकों से घर-घर सूखा राशन बंटवाया जा रहा है। कुकिंग राशि तुरंत जारी की जानी चाहिए – देवेंद्र, राज्य मुख्य सलाहकार, प्राथमिक शिक्षक संघ|
नए वित्त वर्ष से प्रति बच्चे मिलेगी इतनी कुकिंग कोस्ट
स्कूल 2019-20 में कुकिंग कोस्ट अब कुकिंग कोस्ट
प्राइमरी 4.48 4.97
अपर प्राइमरी 6.71 7.45