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रोहतक: कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में निजी स्कूल संचालक अभिभावकों से मासिक फीस के अलावा अन्य कोई भी शुल्क देने की डिमांड नहीं कर सकते हैं। बावजूद इसके सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध शहर के नामी स्कूल अभिभावकों पर तिमाही फीस के साथ, एनुअल चार्ज, मील और ट्रांसपोर्ट शुल्क भरने का दबाव बना रहे हैं। इस लॉकडाउन पीरियड में अपने एक बच्चे की 33 हजार रुपए फीस भरने को लेकर अभिभावक चिंता में है। यहीं नहीं, निजी स्कूल की ओर से अभिभावकों को ना ही यह बताया जा रहा है कि इतना शुल्क किन सुविधाओं के लिए लिया जा रहा है और ना ही फीस भरने में कोई स्लिप दी जा रही है। ऐसी काफी शिकायतों को लेकर ही शिक्षाविभाग ने अब निजी स्कूलों से डिक्लेरेशन सर्टिफिकेट मांगा है। इसमें निजी स्कूलों को बताना होगा कि उन्होंने फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं की है और ना ही ट्यूशन फीस के अलावा अन्य कोई ओर शुल्क लिया है।
हम मानसिक दबाव में हैं, इसलिए अभी फीस नहीं दी है
डीएलएफ कालोनी निवासी एक अभिभावक ने बताया कि उनके दोनों बच्चे शहर के एक नामी स्कूल में पढ़ते हैं। उन्हें दोनों बच्चों की करीब 65 हजार रुपए फीस भरनी है। इतनी फीस तीन महीने की तो नहीं हो सकती है, वह करीब 12 हजार रुपए है। सरकार के आदेश है कि एक महीने की फीस ली जाए, इसके बाद भी तीन महीने की फीस और ट्रांसपोर्ट शुल्क भी लिया जा रहा है। वहीं, मानसरोवर कालोनी निवासी अभिभावक ने बताया कि उनका बच्चे के सहपाठी ने फीस जमा कराई है। स्कूल की ओर से कोई स्लिप नहीं दी गई और ना ही बताया गया कि वह 30 हजार रुपए शुल्क किसलिए ले रहे हैं। अभी कई अभिभावकों ने मानसिक दबाव के चलते फीस भी जमा नहीं कराई है। हुड्डा कांप्लेक्स निवासी अभिभावक ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चे की मासिक फीस जो भरी है, वह पिछले साल की अपेक्षा 10 फीसदी ज्यादा है, जबकि शिक्षाविभाग के आदेश फीस नहीं बढ़ाने के हैं।
निजी स्कूलों से मांगा है डिक्लेरेशन सर्टिफिकेट, अभिभावक करे शिकायत
निजी स्कूलों की ओर से तीन महीने की फीस के साथ अन्य शुल्क लेने को लेकर शिक्षा निदेशालय को शिकायतें मिली है। इसी को लेकर निदेशालय ने निजी स्कूलों से अब डिक्लेरेशन सर्टिफिकेट मांगा है। निजी स्कूलों को बताना होगा कि उन्होंने केवल एक महीने की फीस ही ली है और वह भी बिना किसी बढ़ोतरी के। इसके अलावा वह कोई शुल्क नहीं ले सकते हैं। फीस भरने को लेकर अभिभावक मानसिक दबाव महसूस ना करें, शिकायत करें कार्रवाई होगी।- डॉ. विजय लक्ष्मी, डीईईओ, रोहतक।
स्कूल यूनिफॉर्म और कार्य पुस्तकों में नहीं हो कोई परिवर्तन
अभिभावकों की शिकायतों पर ध्यान देते हुए शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देश दिए कि न तो मासिक आधार पर ली जाने वाली ट्यूशन फीस में वृद्धि की जाए और न ही लॉकडाउन की अवधि का यातायात शुल्क वसूला जाए। स्कूल यूनिफार्म, पाठ्य-पुस्तकों, कार्य-पुस्तकों, अभ्यास-पुस्तकों, प्रैक्टिकल फाइल में भी कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए। विभाग के अनुसार अगर किसी ने नियमों की अवहेलना की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।