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कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं। घर से ही विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन एक्स्ट्रा पढ़ाई करने वालों को निराश होने की जरूरत नहीं है। ऐसे छात्रों के लिए शिक्षा विभाग की ओर से डिजिटल लाइब्रेरी बनाई गई है। यहां छात्र घर बैठे ही पढ़ाई कर सकते हैं। इसके लिए किसी प्रकार का शुल्क भी देने की जरूरत नहीं है। इसकी खास बात ये है कि यहां छात्र पढ़ाई के साथ प्रतियोगी परीक्षा की भी तैयारी कर पाएंगे। इस लाइब्रेरी को डिजिटल लाइब्रेरी आॅफ इंडिया का नाम दिया गया है। इस ऑनलाइन लाइब्रेरी में 62 लाख से अधिक पुस्तकें है। इन किताबों में प्राइमरी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक के बच्चे बिना कोई फीस दिए घर बैठे पढ़ सकते हैं। किताबों को पढ़ने के लिए ndl.iitkgp.ac.in पर जाकर लॉगइन करें।
टेक्सट मेटर, वीडियो, ऑडियो में हैं उपलब्ध |डिजिटल लाइब्रेरी में छात्र किताबें न केवल पढ़ सकते हैं, बल्कि डाउनलोड भी कर सकते हैं। यहां छात्र घर बैठे परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी विश्वविद्यालयों को सर्कुलर भेजकर इस वेबसाइट के बारे में जानकारी दी है। ई लाइब्रेरी पर ये किताबें टेक्स्ट, वीडियो और ऑडियो में देख व सुन सकते हैं।
अच्छी योजना है
अध्यापक महेंद्र सिंह, अशोक कुमार, कुसुम, रोशन, प्रदीप, विनोद का कहना है कि मंत्रालय की अच्छी योजना है । इस लाइब्रेरी से छात्रों को लाभ होगा। सबसे बड़ी बात ये है कि उन्हें घर बैठे ही पाठ्य सामग्री उपलब्ध हो रही है। इसके लिए किसी को कोई फीस भी नहीं देनी है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए सेटरों में जाने की कम जरूरत पड़ेगी, क्योंकि इसकी सुविधा भी दी गई है। पढ़ाई के साथ ऑनलाइन ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे। छात्र राजीव, रुमा, नेहा का कहना है कि शिक्षा विभाग का सराहनीय कदम है।
कोरोना संक्रमण से बचाव रहे इसके लिए शिक्षण संस्थान बंद हैं। बच्चे घर से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। ऑनलाइन शिक्षा का अधिक उपयोग बच्चों को परेशान नहीं करेगा। बोझिल पढ़ाई से राहत पहुंचाने के लिए एनसीईआरटी ने वैकल्पिक कैलेंडर तैयार किया है।सभी तरह की लेटेस्ट विविध एवं शैक्षणिक खबरों के लिए “हरियाणा एजुकेशनल अपडेट” फेसबुक पेज ज्वाइन करें।
पहली कक्षा से दसवीं के छात्रों के लिए चार सप्ताह का कैलेंडर बनाया गया है। इसके तहत बच्चों को पाठ्यक्रम थीम से लेकर रुचिकर गतिविधियों के जरिए सिखाने का प्रयास किया जाएगा। इसमें ई लर्निंग उपकरण इंटरनेट की सुविधा न रखने वाले छात्रों का भी ख्याल रखा गया है।
तनाव दूर करने के बताए जाएंगे तरीके ,कैलेंडर में विभिन्न तकनीकी व सोशल मीडिया उपकरणों के उपयोग संबंधी न तनाव दूर करने के तरीकों के विषयों के बारे में बताया जाएगा। कला स्वास्थ्य व शारीरिक शिक्षा को इसमें शामिल किया गया है। अध्यापकों तक ई संचार के माध्यम से ये कैलेंडर भेजे हुए हैं उन्हंें अपनाने के निर्देश भी दिए गए। ये तीन स्तर पर बनाया गया है।
शिक्षकों पर भी नजर ,ऑनलाइन पढ़ाने के लिए वाट्स ग्रुप बने हैं। एप के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। इनमें छात्रों व शिक्षकों के साथ अधिकारियों को भी जोड़ा गया है। अधिकारी कभी भी ग्रुप के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा की जानकारी ले सकते हैं। इससे वे अध्यापकों पर भी नजर रख सकते हैं कि बच्चों को कैसा पढ़ाया जा रहा है ।
जिनके पास स्मार्ट फोन का अभाव उन्हें मैसेज कर रहे |लॉडाउन में ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। जिन बच्चों के पास ऑनलाइन अध्ययन की व्यवस्था या एंड्रॉयड फोन नहीं उनके लिए एसएमएस के जरिए पढ़ाने की व्यवस्था की है। इन बच्चों के लिए रोजाना टीचर एसएमएस भी भेजते हैं।
ऐेसे समझाया जा रहा बच्चों को गणित
ऑनलाइन शिक्षा बोर न लगे इसके लिए गणित को भी सरल तरीके से पढ़ाया जा रहा है। जिससे बच्चे इस विषय को आसानी से समझ सकें। टीचर उनको बता रहे हैं कि बिना तोड़े आठ लड्डू मिले हैं। एक व्यक्ति को चार मिलेेंगे। दो को चार-चार दिए जाने हैं। तीन में इनको बांटा नहीं जा सकता। चार को दो-दो लड्डू मिलेंगे। आठ को एक-एक लड्डू। आठ से अधिक संभव नहीं हैं। इसलिए आठ के गुणखंड एक, दो चार व आठ हैं। लेकिन तीन नहीं है। इसलिए बच्चों को ऐसे बताया जा रहा है। जिससे उनको समझ आ सके।