PMG News Narnaul
जब पुलिस ही अपराधियों के साथ मिलकर अपराध करने लगे तो फिर कानून व्यवस्था कैसी होगी इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। सदर थाना में नारनौल में लाखों रुपये की जब्त की गई शराब नष्ट करने की बजाय पुलिस कर्मचारियों द्वारा शराब तस्कर रविंद्र उर्फ लीला मोहनपुर को ही बेच दी गई। मामला उजागर होते ही पुलिस अधीक्षक के आदेश पर दोनों कर्मचारियों को सस्पेंड कर गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन इस मामले में सदर थाना के एसएचओ और ड्यूटी मजिस्टेट पर अब तक कार्रवाई न होना भी दर्शाता है कि मामले की लीपापोती करने का प्रयास किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 23 जुलाई 2016 को सदर थाना पुलिस ने एक कैंटर को पकड़ कर उसमें से अवैध रूप से लाई गई अंग्रेजी शराब की लगभग 450 पेटी व बियर की 250 पेटी बरामद की थी।
ये थे पकड़ी गई शराब के मार्का
पकड़ी गई शराब में मकडोवेल्स कई 50 पेटी, सिग्नेचर की 22, रॉयल चैलेंज की 198 व चेलम्स फोर्ड ब्रांड की 165 पेटी शामिल थी। इसके अलावा हेवर्डस बियर की लगभग 250 पेटी भी बरामद हुई थी। तब इस पर मुकदमा नंबर-208 के तहत सुरेंद्र दौंगली, गाड़ी चालक व एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। बाद में मांगेराम पुत्र पूर्णचंद उलसिया उदयपुर राजस्थान और अरविंद पुत्र सतेंद्र स्योपुरा चिड़ावा राजस्थान के नाम सामने आए थे, जिन्हें बाद में पुलिस ने पकड़ा भी थी।
तीन साल बाद हुए नष्ट करने के आदेश
मुकदमे का फैसला होने के बाद 26 दिसंबर 2019 को इस शराब को नष्ट करने के आदेश दिए गए। इसके लिए एसडीएम नारनौल द्वारा ड्यूटी मजिस्ट्रेट कर तौर पर नारनौल के तहसीलदार हर्ष कुमार को नियुक्त किया गया व कमेटी के सदस्य के रूप में एसएचओ महेश कुमार भी शामिल थे। उसी दिन कागजों में शराब को नष्ट कर उसकी रिपोर्ट भी बना दी गई और ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने दस्तखत भी कर दिए। लेकिन असलियत में लगभग 10 लाख रुपये की कीमत की यह शराब नष्ट करने की बजाय अगले दिन शराब तस्कर रविन्द्र उर्फ लीला मोहनपुर को बेच दी गई।
यूं हुआ खुलासा
लॉक डाउन 2 के दौरान 16 अप्रैल को शहर थाना पुलिस को सूचना मिली कि स्थानीय केशव नगर गली नंबर 3 में अवैध शराब बेचने के लिए लाई गई है। इस पर छापेमारी के दौरान शराब तस्कर लीला तो भागने में कामयाब हो गया लेकिन उसकी पिकअप गाड़ी व अंग्रेजी शराब की 30 व देशी शराब की 10 पेटी बरामद हुई। अंग्रेजी शराब का मार्का चेलम्स फोर्ड था जो वर्तमान में यहां चलन में नहीं है। यह उसी शराब का हिस्सा थी जो पुलिस कर्मचारियों द्वारा लीला को बेची गई थी।
3 मई 2020 को थाना शहर पुलिस ने फरार शराब तस्कर लीला को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान लीला ने बताया कि उसे सदर थाना नारनौल के मुंशी विनोद व मालखाना मोहर्रिर रोहतास ने यह शराब बेची थी। बाकी शराब वो बेच चुका है ये आखिरी 30 पेटी बची थी जिन्हें वो बेचने लाया था। इस गौरखधंधे का पता चलते ही पुलिस अधीक्षक ने दोनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर गिरफ्तार करने के आदेश जारी कर दिए। जिस पर उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में नसीबपुर जेल भेज दिया गया।
ड्यूटी मजिस्ट्रेट व एसएचओ पर कार्रवाई नही
बिना शराब नष्ट किये, नष्ट करने की रिपोर्ट पर दस्तखत करने को लेकर ड्यूटी मजिस्ट्रेट व थाना एसएचओ भी शक के दायरे में है कि आखिर उन्होंने किस लालच या दवाब में रिपोर्ट पर दस्तखत किए। लेकिन फिलहाल उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही की गई है।
पुलिस अधीक्षक सुलोचना गजराज ने माना कि पकड़ी गई शराब उसी शराब का हिस्सा है जिसे नष्ट किया जाना था। उन्होंने कहा है कि इस मामले की जांच एसआईटी से करवाई जाएगी।