अजमेर से गई जायरीन स्पेशल ट्रेन को ममता बनर्जी ने कोलकाता से खाली लौटाया, राजस्थान की कांग्रेस सरकार का शुक्रिया तक अदा नहीं किया

PMG News Ajmer

अजमेर के दरगाह क्षेत्र में फंसे 1 हजार 186 जायरीन को लेकर 4 मई को अजमेर से जो स्पेशल ट्रेन रवाना हुई थी, वह 6 मई को कोलकाता से खाली लौट आई है। अजमेर से कोलकाता एक हजार 642 किलोमीटर दूर है। रेलवे को चौबीस डिब्बे वाली ट्रेन के आने जाने का मात्र 8 लाख 25 हजार रुपए प्राप्त हुए हैं। यह राशि भी दरगाह कमेटी ने जनसहयोग से जमा करवाई है।

केन्द्र सरकार ने राज्यों की मांग पर स्पेशल ट्रेनें चलाई है, ताकि इधर-उधर फंसे श्रमिकों एवं आम लोगों को अपने गतव्य तक पहुंचाया जा सके। जो स्पेशल ट्रेन 4 मई की सुबह अजमेर से रवाना हुई थी। वह पांच मई को कोलकाता पहुंच गई। उम्मीद थी कि राजस्थान के जो लोग कोलकाता में फंसे हैं, वे इसी ट्रेन से आ जाएंगे, लेकिन कोलकाता में फंसे राजस्थानियों को निकालने में पश्चिम बंगाल सरकार और उसकी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोई रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में 24 डिब्बे वाली ट्रेन को खाली लौटना पड़ा। राजस्थानियों को भेजना तो दूर ममता बनर्जी अपने प्रदेश के जायरीन के सकुशल पहुंचने पर राजस्थान की कांग्रेस सरकार का शुक्रिया तक अदा नहीं किया। जबकि अजमेर के दरगाह क्षेत्र में फंसे पश्चिम बंगाल के जायरीन की सकुशल वापसी के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार से आग्रह कर स्पेशल ट्रेन चलवाई। मालूम हो कि लॉकडाउन के बाद गत 22 मर्च से दरगाह क्षेत्र में चार हजार से ज्यादा जायरीन फंस गए थे। इनमें बड़ी संख्या में पश्चिम बंगाल के जायरीन भी थे। कोई चालीस दिनों तक लॉकडाउन में फंसे जायरीन की ममता सरकार ने कोई सुध नहीं ली। खादिम समुदाय ने ही सहयोग कर जायरीन को भोजन आदि उपलब्ध करवाया। ममता सरकार चाहती तो कोलकाता में फंसे राजस्थानियों को स्पेशल ट्रेन में भेज सकती थी। कोलकाता से ट्रेन के खाली आने से ममता सरकार के असहयोग पूर्ण रवैये का अंदाजा लगाया जा सकता है।