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इंद्रजीत शर्मा
धरती को बचाने के लिए एक तरफ हम पौधारोपण कर रहे हैं जबकि दूसरी तरफ हम कीटनाशकों का प्रयोग हम करने में लगे हुए हैं। बावजूद इसके जमीन में कीटनाशकों का प्रयोग कम होने के बजाय हर साल बढ़ता ही जा रहा है । इसी वजह से खेती योग्य भूमि भी बंजर बनती जा रही है । इस समय कस्बे की बात करें तो यहां जमीन में मौजूद ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा भी धीरे धीरे घट रही है । यह कार्बन जमीन की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने में मुख्य होता है । जमीन की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए जैविक खेती करनी चाहिए । किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से मार्केटिंग का कार्य छोड़कर किसान बने इसराना के अजय अब जैविक खेती कर रहे हैं, और मुनाफा कमा रहे हैं।

जैविक खेती के लिए खाद वे घर व आसपास उपलब्ध चीजों से बनाते हैं। बड़े रूप में सब्जी खेती कर रहे । हम दो भाई और तीन बहन हैं पिताजी ओम प्रकाश सेना वे शिक्षक से सेवानिवृत्त हो चुके हैं मैंने मार्केटिंग का काम शुरू कर दिया यह मार्केटिंग का कार्य 7 वर्ष तक किया उसके बाद राजस्थान बुहाना में एक स्पेयर पार्ट का वृक्ष खोला जो 4 वर्ष तक चलाया उसके बाद मैं इंटरनेट पर किसानों की वीडियो देखने लगा मेरे अंदर एक जुनून आया कि क्यों न मैं अपने गांव में जाकर अपने खेतों में जैविक खेती करूं और जो मार्केट में जहर बिक रहा है उसको कम करो शुरुआती दौर में परिवार के गांव के लोग मुझे बोलने लगे कि जैविक खेती से कुछ नहीं होता ।लेकिन मैं मेरी धुन में लगा रहा फिर मैंने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत जैविक खेती के बारे में प्रशिक्षण लिया 4 दिन की ट्रेनिंग बागवानी विभाग सुंदर एसएलई उसके बाद मैं इस कार्य में लग गया यह मैंने मुहिम बना ली कि घर-घर जैविक सब्जियां पहुंच आऊंगा पहले वर्ष मैंने डेढ़ एकड़ जमीन में सब्जी उगाई टमाटर गोभी बैंगन जिसमें सारा खर्चा निकाल कर मुझे 1 लाख 70 हज़ार की बचत हुई । डॉ मनदीप यादव बागवानी विभाग से हैं उन्होंने मेरा भरपूर सहयोग दिया मुझे समय-समय पर दिशा निर्देश देते रहे बागवानी विभाग ने मुझे सब्सिडी के तौर पर भी प्रोत्साहन दिया है दीप पद्धति सरकार ने मुझे उपलब्ध करवाई एक-एक करके स्केटिंग सरकार ने मुझे उपलब्ध कराई मल्चिंग सीट का सहयोग भी बागवानी विभाग ने दीया । इस तरह मेरा मनोबल बढ़ता गया और आज मैंने बैंगन ककड़ी टमाटर प्याज दिया तो रही थी रा मिर्च तरबूज इत्यादि लगाए हुए हैं ।
मैंने एप्पल बेर व नींबू के भी पौधे लगाए हुए हैं जिन्होंने मुझे अच्छा फल दिया था ।
मेरे यहां से जैविक सब्जियां कनीना मंडी के तकरीबन सभी व्यापारी लेते हैं सरकारी विभाग के कर्मचारी पढ़े लिखे लोग सभी ख़रीद रहे हैं ।
हमने फोन के माध्यम से घर-घर सब्जी पहुंचाने का काम भी शुरू किया है जिसने हमारी टीम का एक व्यक्ति प्रमोद जो बाइक के पीछे ट्रॉली जोड़कर गांव गांव में यह सब्जियां उपलब्ध करवा रहा है ।