हरियाणा सरकार का निजी स्कूलों पर क़ड़ा रुख, सभी तरह की फीस बढ़ोतरी पर लगाई रोक

PMG News Chandigarh

लगातार शिकायतों के बावजूद अभिभावकों से फीस वसूली का दबाव बना रहे निजी स्कूलों पर प्रदेश सरकार सख्त हो गई है। शिक्षा विभाग ने नए सिरे से आदेश जारी किए हैं कि महामारी के चलते इस साल कोई स्कूल ट्यूशन फीस में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं कर सकेगा। न ही मासिक कोई हिडन चार्ज लिया जा सकता है। ट्यूशन फीस के अलावा सभी तरह के फंड जैसे बिल्डिंग फंड, रखरखाव फंड, प्रवेश शुल्क, कंप्यूटर शुल्क आदि पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।

बिल्डिंग फंड, रखरखाव फंड, प्रवेश शुल्क, कंप्यूटर शुल्क लेने पर पूरी तरह रोक

शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को लिखित आदेश जारी किए हैं। आदेश में कहा गया है कि महामारी से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के चलते सभी प्रकार की व्यापारिक गतिविधियां ठप हैं। इससे आर्थिक गतिविधियों और सभी लोगों की आजीविका पर विपरीत असर पड़ा है। इसलिए ट्यूशन फीस के अलावा कोई अन्य शुल्क नहीं लिया जाए।

न बदल सकेंगे ड्रेस और न ही पाठ्य पुस्तकें, वर्क बुक, अभ्यास पुस्तिका व प्रेक्टिकल फाइल

शिक्षा विभाग ने विगत 12 अप्रैल को भी शुल्क संबंधी निर्देश जारी किए थे, परंतु इसके बावजूद लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन में अन्य शुल्क वसूल किए जा रहे हैं। शिक्षा निदेशक ने चेताया है कि लॉकडाउन अवधि के दौरान कोई भी निजी विद्यालय छात्रों से यातायात शुल्क नहीं लेगा। न ही स्कूलों में ड्रेस बदली जा सकेगी।

इसके अलावा पाठ्य पुस्तकों, वर्क बुक, अभ्यास पुस्तिका, प्रेक्टिकल फाइल इत्यादि में भी बदलाव नहीं करने के निर्देश हैं। शिक्षा विभाग ने साफ चेतावनी दी है कि अगर कोई भी अभिभावक फीस नहीं दे पाता है तो बच्चे का नाम स्कूल से न काटा जाए। न ही ऑनलाइन शिक्षा से वंचित किया जा सकेगा। अगर कोई भी स्कूल इन आदेशों का उल्लंघन करता मिला तो उसके विरुद्ध हरियाणा शिक्षा नियमावली 2003 के नियम 158 के सख्त कार्रवाई की जाएगी जिसमें स्कूल की मान्यता भी जा सकती है।

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