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वित्तीय संकट से जूझ रही हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सभी विभागों तथा बोर्ड-निगमों में अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन-भत्तों की जानकारी मांगी है। नियमित ही नहीं कांट्रेक्ट आधार पर काम कर रहे कर्मचारियों का भी पूरा डॉटा मांगा गया है। हालांकि प्रदेश में कई जिले ऐसे हैैं, जहां कांट्रेक्ट आधार पर लगे और कच्चे कर्मचारियों को अभी तक वेतन नहीं मिल पाया है।
सभी विभागों व बोर्ड-निगमों के अधिकारियों से मांगी गई जानकारी
शहरी निकाय विभाग के कर्मचारियों को पहले फील्ड से रिकवरी कर लाने और फिर वेतन मिलने की बात कही गई है। ऐसा गुरुग्राम मंडल में हो रहा है। मंडलायुक्त के इस फरमान से कर्मचारी परेशान हैैं। लाॅकडाउन के बावजूद उन्हें तीन-तीन माह का वेतन नहीं मिला है। यह ऐसा समय है, जब बिना पुलिस की सहायता के कोई रिकवरी भी देने को तैयार नहीं है। ऐसे में कर्मचारियों के यहां खाने के लाले पड़ गए हैैं।
कर्मचारियों को पेंशन नहीं, कच्चे कर्मी कर रहे तीन माह से वेतन का इंतजार
वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की ओर से सभी विभागों के मुखियाओं, मंडलायुक्तों, डीसी, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशकों, सभी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और एसडीएम को पत्र जारी कर वेतन-भत्तों की जानकारी मांगी गई है। पत्र में अधिकारियों से कहा गया है कि वे सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तों की जानकारी अगले सप्ताह भर में दें।
यह जानकारी इसलिए मांगी गई है ताकि कर्मचारियों के वेतन-भत्तों के वितरण को लेकर नए सिरे से फैसला लिया जा सके। अभी तक कर्मचारियों की पेंशन भी नहीं मिली है। कर्मचारी पेंशन के लिए बाट जोह रहे हैैं। सरकार ने कोविड-19 की वजह से सभी बैंकों व ट्रेजरी में शारीरिक दूरी बनाए रखने को कहा गया है। यह जानकारी मिलने के बाद सरकार को यह भी पता लगेगा कि हर महीने वेतन-भत्तों पर कुल कितना खर्च होता है।