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हरियाणा के कोरोना महामारी का असर अधिक दिनों तक रहने की स्थिति में प्रदेश सरकार महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में आनलाइन परीक्षाएं कराने की संभावनाएं तलाश रही है मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। उन्होंने खर्चों में कटौती करने के साथ ही कुलपतियों को निर्देश दिए कि लाॅकडाउन अवधि के दौरान वे किसी भी छात्र पर फीस का भुगतान करने के लिए दबाव न डालें।
जल्द होगी उच्च शिक्षा परिषद की बैठक, कालेजों को खर्च घटाने के निर्देश, ई-लर्निंग पर जोर
मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सभी प्राइवेट व सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों तथा प्राध्यापकों से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय और कॉलेज अपने खर्च को केवल महत्वपूर्ण कार्यों के लिए सीमित करे। विश्वविद्यालयों में जो भी अनुसंधान परियोजनाएं चल रही हैं, उनका उपयोग कोविड-19 की लड़ाई लडऩे के लिए किया जाना चाहिए। प्रत्येक विश्वविद्यालय को शारीरिक दूरी के मानदंडों का पूर्ण रूप से पालन करना अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों की शिक्षा बाधित न हो, इसलिए हर विश्वविद्यालय और कॉलेज को ऑनलाइन कक्षाएं चलानी चाहिएं। बैठक में शिक्षकों ने बताया कि अधिकतर ने पहले से ही विभिन्न ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर रखी हैं। छात्रों के साथ लाइव क्लासेस, ऑनलाइन वर्कशीट, पीपीटी प्रेजेंटेशन पर पढ़ाई कराई जा रही है।
कुलपतियों ने बताया कि शिक्षा सामग्री और सभी शैक्षणिक सहायता उन बच्चों को भी दी जा रही है, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है। दावा किया गया कि डिजिटल लर्निंग प्लेटफार्म के जरिये अधिकतर विश्वविद्यालयों और कॉलेजों ने 70 से 80 प्रतिशत पाठ्यक्रम को कवर कर लिया है।
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने की संभावनाएं तलाशने को जल्द ही उच्च शिक्षा परिषद की बैठक बुलाई जानी चाहिए। बैठक में कोरोना रिलीफ फंड में सहयोग के लिए भी आगे आने को कहा गया है। बैठक में कृषि सचिव संजीव कौशल, वित्त सचिव टीवीएसएन प्रसाद, पशुपालन और डेयरी सचिव राजा शेखर वुंडरू, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा महानिदेशक अजीत बालाजी जोशी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।