‘रामायण’ और हरियाणवी फिल्म ‘म्हारा पीहर सासरा’ का अविस्मरणीय संयोग

PMG News Rohtak

सुशील सैनी

दूरदर्शन के नेशनल नेटवर्क पर आजकल ‘रामायण’ का पुन: प्रसारण किया जा रहा है। इसमें लक्ष्मण के मूर्छित होने पर जब हनुमान संजीवनी बूटी लेने हिमालय पर्वत पर जाते हैं तो राह में रावण का एक गुप्तचर साधु का भेष धारण कर उसे रोकने के लिए गीत गुनगुनाता है- ‘जाना बड़ी दूर बटेऊ कर ले रैन बसेरा रे’। इसकी धुन हरियाणवी फिल्म ‘म्हारा पीहर सासरा’ के बेहद लोकप्रिय हुए गीत ‘मेरे पाछे-पाछे आवण का भला कौनसा मतलब तेरा सै, मन्नै के पूछे भाभी तन्नै सब बातां का बेरा सै’ से ही ली गई थी।




दरअसल, फिल्म ‘म्हारा पीहर सासरा’ के संगीतकार रविंद्र जैन ही थे। यह फिल्म 1985 में आई। इसके गाना ‘मेरे पीछे-पीछे आवण का भला..’ काफी प्रसिद्ध हुआ तो रविंद्र जैन ने 1987 में ‘रामायण’ को संगीतबद्ध करते समय अपनी इसी धुन को फिर से इस्तेमाल कर लिया। यह अद्भुत संयोग शायद हमारी हरियाणवी फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास में ही दर्ज होना लिखा था।




आपको बता दूं कि बू-बू प्रोडक्शन के बैनर तले बनी हरियाणवी फिल्म ‘म्हारा पीहर सासरा’ का यह गीत पानीपत के गांव राजाखेड़ी में जन्मे और वर्तमान में दिल्ली के निवासी ओपी हरियाणवी ने लिखा था। इनका पूरा नाम ओमप्रकाश जैन है। इनके बारे में विस्तृत वर्णन आप मेरी पुस्तक ‘हरियाणवी सिनेमा-दशा और दिशा’ में पढ़ सकते हैं।



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