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दादरी जिला में प्रशासन द्वारा कोरोना से बचने लिए पुख्ता एवं फुल प्रूफ इंतजाम किया गया है। उपायुक्त श्याम लाल पूनिया के लघु सचिवालय व कैंप कार्यालय सहित यात्री शिविरों में अब बिना सैनेटाईज हुए कोई अंदर नहीं जा सकता है।
कोरोना के बढ़ते मामलों से बचने के लिए उपायुक्त के निर्देशों पर कुछ ठोस पहल की गई है। उपायुक्त ने नई तकनीकी कार्यशैली को अपना आइडिया देकर क्रियांवित करवाया है। दोनो कार्यालय और एससीआर स्कूल के यात्री शिविर में ऐसी व्यवस्था की गई है कि जो कोई व्यक्ति इन स्थानों पर आता है। पहले उसे हाथ धोने होते हैं। खास बात यह है कि हाथ धोने के लिए किसी भी चीज जैसे टुंटी आदि को छुने की जरूरत नहीं है। ऐसी व्यवस्था की गई है कि बिना हाथ लगाए ही यह कार्य हो जाता है। इसके बाद व्यक्ति एक प्लेटफार्म पर चढना होता है, जहां पानी की टंकी से जुड़े हुए पंखे लगे हैं और उस पानी में सोडियम हाईपोक्लोराईट की निर्धारित मात्रा डाली गई है। इस प्लेटफार्म से गुजर कर अंदर जाया जा सकता है। इससे गुजरते समय संबंधित व्यक्ति का पूरा शरीर अपने आप ही सैनेटाइज हो जाता है।
इस बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त ने बताया कि कोरोना से बचने का मूल मंत्र सावधानी है और इस दौरान प्रशासन का हर अधिकारी व कर्मचारी अपनी ड्यूटी कर रहा है। अधिकारी व कर्मचारी स्वस्थ रहेंगे तभी दूसरों को स्वस्थ रखेंगे। अपने अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए यह व्यवस्था करवाई गई है।
श्रमिकों के लिए भी की गई बेहतरीन इंतजाम
दादरी के जिला प्रशासन की ओर से यहां के तीन यात्री शिविरों में ठहराए गए श्रमिकों के लिए भी अच्छी व्यवस्था की गई है। एससीआर स्कूल के शिविर की बात करें तो यहां श्रमिकों की दिनचर्या योग और कसरत से शुरू हो रही है। प्रतिदिन श्रमिकों को योग व कसरत के साथ ही चिकित्सकों द्वारा जांचा जा रहा है। इस केन्द्र पर महिला व पुरूषों के लिए अलग-अलग ब्लॉक बनाए गए हैं और नहाने सहित पेयजल की उत्तम व्यवस्था की गई है। सभी को अलग-अलग बोतल दी गई हैं ताकि सभी अपनी बातल में ही पानी पीएं। यहां रह रहे इन लोगों के सोने के लिए साफ सुथरे गद्दों व चद्दरों का इंतजाम भी किया गया है। यही नहीं, सभी को एक-एक सैनेटाइजर, साबुन, पेस्ट व ब्रश भी उपलब्ध करवाया गया है।
उपायुक्त श्यामलाल पूनिया के मार्गदर्शन में सभी श्रमिकों को शैल्टर होम में आई कार्ड जारी किया गया है। इन सभी को अलग-अलग कमरे आवंटित कर उनमें सोशल डिस्टेंस रखते हुए ठहराया गया है। प्रत्येक कमरे के बाहर सूची लगी हुई है, जिस पर कमरे में ठहराए गए श्रमिकों का नाम अंकित है और उनका बेड नंबर लिखा गया है।
की गई है उत्तम भोजन की व्यवस्था
श्रमिकों को मिल रहे भोजन की बात की जाए तो यहां इसकी भी बेहतर व्यवस्था है। सबसे पहले श्रमिकों को नाश्ते में चाय- पकोड़े या बे्रड आदि दिए जाते हैं। उसके बाद भोजन में दो सब्जियां, रोटी, चावल व रायते की व्यवस्था है। रात को भी दो सब्जियों, रोटी व चावल आदि के साथ श्रमिकों को भोजन करवाया जा रहा है। यहीं नहीं रात को दूध की व्यवस्था भी की गई है। बच्चों और महिलाओं को विशेष तौर पर दूध दिया जाता है। बच्चों और महिलाओं को पंजीरी भी उपलब्ध करवाई जा रही है। साथ महिलाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सैनेटरी पैड आदि चीजों की व्यवस्था भी की गई है।
मनोजंरन के लिए टीवी व केबल भी उपलब्ध
श्रमिकों के मनोरंजन के लिए भी जिला प्रशासन ने इंतजाम किए हैं। टीवी के साथ केबल कनैक्शन करवाया गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा यहां रह रहे श्रमिकों की काऊंसलिंग भी की जा रही है ताकि किसी को कोई परेशानी ना हो। स्वास्थ विभाग की टीमें प्रतिदिन शिविरों में रह रहे लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रही है।