हेल्पलाइन नंबर को बनाया मजाक, कंट्रोल रूम में आ रही अजीबो-गरीब फरमाइशें

PMG News Faridabad




फरीदाबाद। लॉकडाउन में शासन-प्रशासन सहित शहर की तमाम एनजीओ व अन्य संस्थाएं जरूरतमंदों की मदद के लिए दिनरात जुटी हुई हैं। सभी की एक सोच है कोई भूखा न रहे। वैसे तो भूखे को कैसा भी खाना मिल जाए, उसके लिए बड़ी बात होती है, पर यहां कुछ अलग ही देखने को मिल रहा है। कंट्रोल रूम में जरूरतमंद लोगों के फरमाइशी गाने सुनाने की तरह मनचाहा व टेस्टी खाना भिजवाने के फोन आने शुरू हो गए हैं

कंट्रोल रूम में फोन करके एक शख्स ने अपने आपको ग्रेटर फरीदाबाद वासी बताया और पूछा कि आज रेडक्रॉस सोसायटी खाने में क्या भिजवाएगा। ऑपरेटर ने बताया कि छोले-चावल। इस पर फोन करने वाले शख्स ने कहा मेरी पत्नी को छोले-चावल पसंद नहीं हैं, कुछ और भिजवा दो। आश्रय स्थल में ठहरे हुए एक शख्स ने फोन कर बताया कि जो खाना आ रहा है, वह अधिक टेस्टी नहीं है, कहीं और से भिजवाओ



वार्ड नंबर-26 से पार्षद अजय बैसला ने बताया कि उनके पास दिल्ली भाजपा आइटी सेल से फोन आया कि टीटू कॉलोनी में एक परिवार कई दिन से भूखा है, वहां राशन पहुंचाया जाए। यह सुनते ही वह तुरंत अपनी कार में महीने भर का राशन लेकर संबंधित पते पर पहुंच गए। उन्होंने जैसे ही मकान का दरवाजा खोला, अंदर देखा तो पूड़ी तली जा रही थी। यहां तक कि ड्रमों में जरूरी सामान भी भरा हुआ था। यह देख पार्षद ने वहां मौजूद सदस्यों को हिदायत दी कि अगर दोबारा ऐसा किया तो सख्त कार्रवाई कराई जाएगी




दूसरा फोन केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के कार्यालय से आया कि इंदिरा कांप्लेक्स में जरूरतमंद तक खाना पहुंचा दो। जब वह राशन लेकर पहुंचे तो अंदर महिला पकौड़े तल रही थी। सामान की कोई कमी नहीं थी। अजय बैसला ने कहा कि वह लॉकडाउन के पहले दिन से ही राशन बांट रहे हैं, पर अब सूचना मिल रही है कि 50 फीसद लोग जरूरतमंद नहीं हैं। वह सामान स्टोर करने में लगे हुए हैं। उन्होंने मांग की है कि प्रशासन स्थानीय पार्षद, गांव के सरपंच या आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों को साथ लेकर राशन बांटे।



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