पंचायतों की पहल, कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए पंचायतों का पहरा बाहरी व्यक्ति को सेनीटाईज के बाद ही गांव में प्रवेश की अनुमति

PMG News Bhiwani

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए न केवल सरकार और प्रशासन द्वारा ठोस कदम उठाए जा रहे हैं बल्कि पंचायतों ने अपने स्तर पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने शुरु कर दिए हैं। कई पंचायतों द्वारा किसी बाहरी व्यक्ति के गांव में प्रवेश से पहले उनके हाथों को सेनीटाईज किया जा रहा है। यहां तक कि गांव में मास्क भी वितरित किए जा रहे हैं। पुर गांव की पंचायत ने सामूहिक रूप से हुक्का पीने और पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर पाबंदी लगा दी है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सरकार और प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। पूरे देश में लॉकडाउन लागू हो चुका है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों से अपने घरों में रहने की अपील की गई है। लेकिन रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं को खरीदने वास्ते कुछ समय के लिए नागरिकों को घरों से बाहर भी आना पड़ता है। ऐसे में ग्राम पंचायतों ने अपने स्तर पर निर्णय लेकर कोरोना वायरस पर एक तरह से पहरा देने का काम किया है। गांव पुर की पंचायत ने भी ऐसा ही निर्णय लिया है, जिसका सभी ग्रामीण पालना कर रहे हैं। दुकानों के बाहर न केवल पुरुष बल्कि महिलाएं भी एक मीटर की दूरी रख रही हैं। गांव में बाहर से आने वाले व्यक्तियों को सेनीटाईज किया जा रहा है।



गांव पुर की पंचायत ने इस प्रकार लिए हैं महत्वपूर्ण निर्णय
-ग्राम पंचायत पुर ने निर्णय लिया कि गांव में पूरी तरह से लॉक डाउन रहेगा।
-गांव में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश से पहले उसकी पूरी जांच पड़ताल की जाएगी और उसको हाथों को सेनीटाईज किया जाएगा।
-यदि कोई व्यक्ति वाहन पर है तो उसके वाहन को भी सेनीटाईज किया जाएगा। गांव में मंडली बनाकर ताश नहीं खेलेंगे न हुक्का पीएंगे, यदि ऐसा करते हैं तो पंचायत द्वारा प्रत्येक व्यक्ति पर 2100 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।
-इसी प्रकार मंडली बनाकर मिले तो उन पर 1100 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। अन्य किसी राज्य से व्यक्ति गांव में आता है तो आने से पहले पंचायत को सूचित करेगा और 14 दिन तक अपने घर में ही रहेगा। यदि वह बाहर घूमता हुआ मिला तो उस पर 5100 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।



-इसी प्रकार से दुकानदार सुबह आठ से 11 बजे तक ही दुकान खोल सकेंगे और इसके साथ ही सामान लेने के दौरान दुकानों पर भीड़ जमा नहीं होनी चाहिए। इसका उल्लंघन करने पर पंचायत 5100 रुपए जुर्माना लगाएगी।
गांव पुर के सरपंच शेर सिंह दहिया ने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पंचायत ने एकमत से निर्णय लिया है। पंचायत के साथ गांव के सामाजिक संगठन पूरा सहयोग दे रहे हैं और गांव में एक तरह से पहरा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांववासी पंचायत द्वारा लिए गए निर्णय को मान भी रहे हैं। दुकानों के समक्ष भीड़ भी जमा नहीं हो रही है। दुकानों पर सामान लेने के लिए लोग सोशल दूरी रख रहे हैं यहां तक कि महिलाएं भी पूरी सचेत हैं और दुकानों पर सामान लेने के लिए सोशल डिस्टेंस का पूरा ध्यान रख रही हैं।




जांच के लिए सिवाड़ा में गांव के फौजियों ने लगाए बेरीकेट
इसी प्रकार से गांव सिवाड़ा में फौजी सुरेश व अमित देश की सीमा पर तैनाती की तरह ही अपने गांव में भी सेवा करने में लगे है। उनके द्वारा गांव के बाहर बाकायदा बेरीकेट बनाए गए हैं और बाहर से आने वालों के हाथों को सेनीटाईज किया जा रहा है। गांव तीन चैक पोस्ट बनाकर पूरे गांव को एक तरह से सील कर दिया गया है। उनके साथ शहीद भगत सिंह युवा ब्रिगेड की पूरी टीम इस काम में लगी है।



प्रशासन के साथ खड़ी है कुंगड़ की पंचायत
हालांकि प्रशासन द्वारा प्रवासी मजदूरों के भोजन व ठहराव के लिए हर संभव प्रबंध किए जा रहे हैं, पर पंचायतें इस काम में पीछे नहीं हैं। पंचायतों से जिला प्रशासन को पूरा सहयोग मिल रहा है। गांव कुंगड़ व छोटा पाना पंचायत द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा गांव में काम के लिए आए मजदूरों के लिए न केवल भोजन आदि का प्रबंध किया जा रहा है, बल्कि उनको सोशल दूरी रखने के लिए बारे में बताया जा रहा है। पंचायत द्वारा प्रशासन को आश्वास्त किया गया है कि उनके गांव में ठहरे हुए मजदूरों को लॉक डाउन के दौरान किसी प्रकार की समस्या नहीं बनने दी जाएगी। इसी प्रकार से जिला में अनेक ऐसी पंचायत एवं युवाओं के संगठन हैं, जो कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए न केवल सरकार व प्रशासन के आदशों की पालना कर रहे हैं ,बल्कि अपने स्तर पर भी ठोस कदम उठा रहे हैं।
इस बारे में उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए पंचायतों व युवाओं के संगठनों द्वारा जो कारगर कदम उठाए जा रहे हैं, वे सराहनीय हैं। ये अन्य पंचायतों व युवाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सभी का जागरूक होना जरूरी है।



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