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चौपटा खण्ड के गांव गुसाईवाला में सरपंच विनोद बिश्नोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना हटाओ अभियान को पलीता लगा रहे हैं। गांव में जगह जगह गन्दगी के ढेर पड़े हैं वहीं गांव में किसी को जागरूक करने की अब तक जहमत तक नहीं उठाई है। इतना ही नहीं गांव में कोरोना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर बुलाये जनता कर्फ्यू की मुनादी तक नहीं करवाई जिसके चलते गांव में ज्यादातर दुकानें भी सारे दिन खुली रही।
जनता कर्फ्यू में बंद रहा देश, सरपंच के प्लांट में 20 लोग करते रहे दिनभर काम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर बुलाए जनता कर्फ्यू का हर किसी ने पालन करते हुए घर में ही रहे और सामाजिक तौर पर लोगों ने दूरी बनाए रखी लेकिन गांव के सरपंच विनोद बिश्नोई के प्लांट में 20 से ज्यादा लोग दिनभर काम करते रहे। इस बारे में जब उनको कम भीड़ जुटाने के ग्रामीणों ने आगाह भी किया लेकिन कोई असर नहीं दिखा।
पूरे दिन गांव में नहीं आए सरपंच, अपने बाहर के कामों में रहे व्यस्त
गांव में जनता कर्फ्यू के दौरान कई बार गांव के व्हाट्सएप ग्रुप में सेनेटाइजर स्प्रे व सफाई के बारे में बोला लेकिन उलटे वो ग्रामीणों को ही चुनौती दिखाई देते रहे और सफाई कर्मचारियों को कहने के लिए अधिकारियों के पास जाने के लिए ग्रामीणों को कह दिया।
गांव में सफाई कर्मचारी नहीं आते काम पर, गांव के बीच में पड़े हैं गन्दगी के ढेर, नालियों में मच्छरों की भरमार
गांव की ज्यादातर गलियों में गन्दगी के ढेर लगे पड़े हैं जो कि नालियों से निकालकर ग्रामीण डाल रहे हैं। इसके बाद सफाई कर्मचारी इनको हफ्ते भर तक उठाने की जहमत तक नहीं करते, जब ग्रामीण इसके बारे में सरपंच और साफाई कर्मचारियों को बोलते हैं तो वो भी हटाने की खुली चुनौती देते हैं और अफसरों के पास जाकर शिकायत करने की बात खुद सरपंच बोलता है।
व्हाट्सप्प ग्रुप प्रगतिशील गुसाईवाला में सरपंच द्वारा ग्रामीणों को दी चुनौती का स्नैपशॉट साथ में सलंग्न
सरपंच के पेट्रोल पंप और फेक्टरी में बिना मास्क काम कर रहे कर्मचारी
सरपंच की प्रॉपर्टी पर उठ रहे सवाल, चार साल की सरपंची में अकूत सम्पति का बना मालिक
ग्रामीणों ने सरपंच की अकूत सम्पति की जांच की मांग भी उठाई है। गांव में करोड़ों रुपये की कोठी, प्लांट और पैट्रोल पम्प के अलावा कई जमीनों के सौदे भी शामिल है। ग्रामीणों के मुताबिक सरपंच बनने से पहले कच्चा मकान था और अब करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी है। इसके लिए बैंक खाते और सभी फर्मों की जांच आयकर विभाग द्वारा होनी चाहिए। इसके अलावा गांव के खजाने में कितना मद खर्च हो रहा है इसकी भी जांच होनी चाहिए