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शिक्षा विभाग ने मौलिक कक्षाओं की वार्षिक परीक्षा भी बोर्ड परीक्षा की तरह ही नकलमुक्त कराने का दावा किया है, हालांकि 17 मार्च से शुरू होने वाली परीक्षाओं के आयोजन पर कोरोना वायरस के चलते संकट के बादल भी मंडरा रहे हैं। मौलिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 239 प्राथमिक-मिडिल स्कूलों में बने परीक्षा केंद्रों में कक्षा छठीं से आठवीं के छात्र 17 मार्च से परीक्षा देंगे, वहीं पहली से पांचवीं तक के छात्र 19 मार्च से परीक्षा देंगे। यह परीक्षाएं 25 मार्च तक चलेंगी।
निदेशालय ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों (डीईईओ) को इस संबंध में गाइडलाइन जारी की हैं कि परीक्षा को नकलमुक्त बनाने के लिए बोर्ड परीक्षाओं की तर्ज पर योजना बनाई जाए। शिक्षकों को पर्यवेक्षक के रूप में ड्यूटी उनके संबंधित स्कूलों में नहीं लगाई जाए। उनकी ड्यूटी 20 किलोमीटर के दायरे में दूसरे स्कूलों में लगाई जाए, जिससे परीक्षा में पारदर्शिता लाई जा सके। इसके अलावा इस बार मौलिक कक्षाओं के लिए भी प्रश्नपत्र हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से भेजी जा रही है। अधिकारियों के अनुसार प्रश्नपत्रों को एमआइएस पोर्टल से लिए गए आंकड़ों के आधार पर बनाया गया है। परीक्षा के दौरान सभी स्कूलों को कुछ प्रश्नपत्र रिजर्व में रखने के लिए भी दिए जाएंगे।
छात्रों की संख्यानुसार होगी पर्यवेक्षकों नियुक्ति
कक्षा एक से पांचवीं तक की कक्षा की परीक्षा के लिए 60 परीक्षार्थियों वाले परीक्षा कक्ष में दो पर्यवेक्षक नियुक्त होंगे। 61 से 90 परीक्षाथियों की संख्या वाले कक्ष में तीन पर्यवेक्षक नियुक्त होंगे। 91 से 120 की संख्या वाले कक्ष में चार पर्यवेक्षक व 121 से 200 की संख्या वाले कक्ष में पांच पर्यवेक्षक नियुक्त होंगे। उधर कक्षा 6 से 8वीं के परीक्षार्थियों की निगरानी में कम से कम तीन पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। वर्जन..
मौलिक शिक्षा निदेशालय के आदेशों को जारी कर दिए गए है। विभाग की कोशिश है कि परीक्षा को नकलमुक्त बनाया जाए।
-शशि अहलावत, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी