कोरोना से सुरक्षित नहीं नौनिहाल, सरकारी स्कूलों में न साबुन न लिक्विड हैंड वॉश

PMG News Fatehabad

कोरोना वायरस को लेकर देश भर में अलर्ट है और बचाव को लेकर सरकार रोज नए आदेश जारी कर रही है। शिक्षा विभाग स्कूलों को आदेश कर रहा है कि बच्चों को जागरूक करें और बार-बार हाथ धुलवाएं। उधर, जिले के कई स्कूलों में हाथ धोने के लिए साबुन और हैंडवॉश लिक्विड की व्यवस्था तक नहीं है। ये स्कूल साबुन और लिक्विड खरीदने की व्यवस्था करने की जगह बजट का रोना रो रहे हैं। स्कूलों की दलील है कि मिड-डे मील का बजट ही नहीं आया है और उसी में से साबुन खरीदा जाता है। जबकि डीईओ का कहना है कि स्कूल के पर्सनल फंड में रुपये की कमी नहीं है। वीरवार को शहर के तीन स्कूलों में व्यवस्था की पड़ताल की गई तो न साबुन मिला और न ही लिक्विड। एक स्कूल में डीसी की फटकार के बाद वॉश रूम में लिक्विड पड़ा मिला।

केस एक

खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पास स्थित राजकीय प्राइमरी स्कूल में रसोई के पास स्थित पानी की टंकी के पर बच्चे पानी पीते मिले। लेकिन यहां पर साबुन नहीं मिला। बच्चों से पूछा तो वो बोले हमें साबुन से हाथ धोने बारे कोई जानकारी नहीं है।

केस दो

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पानी की टंकी के पास ऐसा ही कुछ देखने को मिला। पानी की टंकी के पास यहां भी साबुन या फिर हैंड वॉश लिक्विड नहीं मिला।

केस तीन

राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में वीरवार को ही हाथ धोने के लिए लिक्विड की व्यवस्था थी। स्कूल प्रिंसिपल सुरेश शर्मा ने बताया कि डीसी ने जांच के दौरान यहां पर लिक्विड और साबुन न मिलने पर व्यवस्था करने के आदेश दिए थे।

एन 95 मास्क नहीं, साधारण से चला रहे काम

कोरोना वायरस अलर्ट के बाद मास्क को लेकर मारामारी मची हुई है। सरकारी अस्पतालों ही स्पेशल एन 95 मास्क नहीं है। विभाग ने 300 मास्का और हाथ धोने के लिए लिक्विड का ऑर्डर कर रखा है। अधिकारियों का कहना है कि डिमांड ज्यादा होने के कारण सप्लाई नहीं आ रही है। वहीं बाजार में चार से पांच रुपये वाला साधारण मास्क भी 15 से 20 रुपये में बिक रहा है।

निजी अस्पताल नहीं दिखा रहे रुचि
अलर्ट के बाद नागरिक अस्पताल में पांच बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इसके अलावा टोहाना में भी चार बैड का आइशोलेशन वार्ड बनाया गया है। लेकिन प्राइवेट अस्पताल इसको लेकर रुचि नहीं दिखा रहे हैं। निजी अस्पतालों ने वार्ड को लेकर अभी तक रिपोर्ट नहीं दी है।

स्कूलों में पिछले चार माह से मिड डे मील का बजट नहीं आया है। इसी बजट से बच्चों का हाथ धोने के लिए साबुन खरीदा जाता है। दूसरा स्कूलों में सफाई कर्मचारी भी नहीं है, बच्चे खुद सफाई कर रहे हैं- देवेंद्र दहिया, प्रदेश मुख्य सलाहकार, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ।
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स्कूलों को आदेश दिए गए हैं कि विद्यार्थियों के साबुन से हाथ धुलवाएं और हाथ धोने के लिए लिक्विड भी होना चाहिए। फंड न होने का बहाना गलत है, इसकी कोई ज्यादा कीमत नहीं है। स्कूलों के पर्सनल में बहुत फंड है- दयानंद सिहाग, जिला शिक्षा अधिकारी।
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स्कूलों में स्टाफ व बच्चों को जागरूक करने के लिए एमपीएचडब्ल्यू की ड्यूटी लगाई गई है। जो कि स्कूलों में जाकर जांच करेंगे। सरकार की तरफ से सभी विभागों को कार्यालय में साबुन की व्यवस्था करने के आदेश दिए जा चुके हैं। विभाग ने 300 मास्क की डिमांड भेजी है- डॉ. विष्णु मितल, जिला महामारी अधिकारी।

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